जीवन के 365 सबक जिन्दगी को नए आयाम देने वाली चमत्कारिक पुस्तक

लेख़क; रघुवेंद्र रमन अरोड़ा

जीवन प्रबंधन सब के लिए एक समान नहीं होते है, किसी के जीवन बहुत सरल होता है, उनको विरासत में सभी ऐश- आराम बड़ी सुगमता से प्राप्त हो जाते है, उनको विषम परिस्थितियों का संज्ञान ही नही होता है, उनको यह भी पता नहीं होता है, दुनिया में ऐसे लोग है, जिनको दो वक्त का भोजन भी नसीब नही होता है, ऐसे लोग के साथ बड़े ही विषम समस्या होती है।

ऐसे ही लोग की जीवन को सफल बनाने के लिए कुछ प्रेणादयी, कालज्यी रचना कुछ गिने चुने लेखकों द्वारा की जाती है, जो अमावस्या की काली रात में डूबे जीवन को एक आशा की किरण दिखाती है। उनमें से ही एक ऐसे लेखक है, रघुवेंद्र रमन आरोड़ा जो की जीवन के 365 सबक नामक चमत्कारिक पुस्तक के माध्यम से अपने भावनाओं को पाठकों के समक्ष साझा किया है।

इस पुस्तक में  वाक्य प्रेरणादाई कोट्स के माध्यम से उद्धरण किया है। ये कहते है,की उम्र के किसी भी पड़ाव पर कोई भी व्यक्ति इस उद्धरण के माध्यम से अपना जीवन सफल बना सकता है।

रघुवेंद्र रमन अरोड़ा की कुछ सफल कोट्स जिससे आप भी अपना जीवन सफल बना सकते है;

आपको रोजाना बस इस बात को तय करना है, कि जब आप जागे तो दृढ़ निश्चय के साथ और जब आप सोने के लिए जाए तो पूर्ण संतोष के साथ

इस उद्धरण के माध्यम से रघुवेंद्र रमन अरोड़ा कहते है, की यदि आप रात को सोने से पहले यदि आपकी आत्मा आपने दिनभर जो कार्य किया इस बात से संतुष्ट है, किसी प्रकार की पीड़ा ह्रदय में नही है, तो आप जीवन में 100 प्रतिशत सफल व्यक्ति साबित होंगे।

सफलता के मायने इस बात में छिपे हैं, कि आप हमेशा अपना बेहतरीन करें। चाहे परिस्थितियां कितनी भी बुरी क्यों ना हो।

इस उद्धरण के माध्यम से लेखक यह बताते है, की परिस्थितियां हमेशा आपके पक्ष में नहीं रहेंगे। इसके लिए आपकी मानसिकता हमेशा सकारात्मक होना चाहिए। ताकि जब विपरीत परिस्थितियां आए तो हम अपने आप को इतना ऊर्जावान बना ले। ताकि विषम परिस्थिति में भी हम हंसते हुए धैर्य रखकर अपना कार्य सफलतापूर्वक करते रहेंगे।

अगला प्रेरक प्रसंग में रघुवेंद्र रमन अरोड़ा कहते है, की

गुणवता वह है, जब आप उस वक्त भी बेहतरीन कार्य करते है, जब कोई नही देख रहा है

यह बहुत बड़ी बात है, अक्सर लोग भीड़ के सामने लोगो के सामने अच्छा कार्य करते है, लेकिन अकेले में लगभग 90 प्रतिशत लोग अपने आप को सशक्त नही रख पाते है, इंसान अकेले में अपने मन का गुलाम बन जाता है। विचारो में घिरे रहते है, और अपने समय का दुरूपयोग करते है, महान दार्शनिक ओशो कहते है, की अकेलापन एक कला है, इसे कठिन साधना से सीखना पड़ता है।

 जीवन के 365 सबक पुस्तक समीक्षा

जीवन के 365 सबक पुस्तक आपके जीवन को नया आयाम देगी। आप कितने भी हताश हो, निराश हो, कार्य करने की इच्छा नहीं हो रही है, इस पुस्तक को निरंतर पढ़ने, इसमें लिखे व्याहारिक बातो से आपकी सभी परेशानी छू मंतर हो जाएगी। इस पुस्तक की एक एक सबक कुछ ना कुछ आपको सिखाएगी। आपके अवचेतन मन को झकझोर कर रख देगी। आप नही चाहकर भी अपने आप अपनी पन्ने पलटने को मजबूर हो जाएंगे।

इस पुस्तक में 365 कोट्स दिए गए है, यह कोट्स लेखक की अपनी जीवन के अनुभवों से लिखा गया है। ऐसा नहीं है, कही से इसको कॉपी किया गया है। मैं अपनी तरफ से लेखक को उनकी शानदार काम के लिए दस में से 10 अंक दूंगा। इस पुस्तक में कुछ खामियां भी है, जैसे कुछ कोट्स कई बार प्रयोग किया गया है।

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